Saur Krishi Aajeevika Yojana 2024: सौर कृषि आजीविका योजना, ऑनलाइन आवेदन कैसे करें एवं लाभ व पात्रता

Saur Krishi Aajeevika Yojana:– राजस्थान सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है “सौर कृषि आजीविका योजना (SKAY)”। इस अद्वितीय योजना के तहत, किसान अपनी बंजर और अनुपयोगी जमीन पर सोलर प्लांट लगा कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

Saur Krishi Aajeevika Yojana 2024

राजस्थान सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने और सौर ऊर्जा संयंत्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “सौर ऊर्जा आजीविका योजना” या “SKAY” योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार किसानों को उनकी बंजर या अनुपयोगी जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की अनुमति देगी और उसे लीज पर लेगी। इसके फलस्वरूप, किसान अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगा कर आर्थिक रूप से सुस्त भाग्य से बाहर निकल सकता है।इस महत्वपूर्ण पहल के माध्यम से, किसानों को सिंचाई के लिए बिजली के साथ ही एक अद्वितीय आय स्रोत का अवसर भी मिलेगा। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक सहारा प्रदान करेगी, बल्कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही राजस्थान को ऊर्जा स्वावलंबी बनाए रखने में मदद करेगी। इस प्रकार, हम सभी एक बेहतर और स्वयंनिर्भर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

सौर कृषि आजीविका योजना: किसानों के लिए नया द्वार

सौर कृषि आजीविका योजना का आयोजन किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए पूर्व निर्धारित राशि के आधार पर बंजर भूमि को लीज/किराए पर देने का अवसर प्रदान करना है। इसके लिए राजस्थान डिस्कॉम्स ने एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है, जिसके माध्यम से किसान अपनी जमीन को लीज पर देने के लिए पंजीकृत कर सकते हैं। इसी के साथ, सौर ऊर्जा संयंत्र के विकासकर्ता भी पंजीकृत किसानों तक पहुंचने के लिए पंजीकरण कर सकते हैं, जिससे किसानों को बेहतर सेवाएं और लाभ प्राप्त हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, उनकी आय में वृद्धि होगी और वे सौर ऊर्जा के साथ अच्छे पैसे कमा सकेंगे।

इस योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाले सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादित होने वाली बिजली आसपास के क्षेत्र के लोगों को पहुंचेगी, जिससे वहां के लोगों को पर्याप्त बिजली की आपूर्ति मिलेगी। इससे किसान अपनी बंजर जमीन का सदुपयोग करके सुरक्षित रूप से अधिक उत्पादित कर सकेगा और उन्हें समृद्धि मिलेगी।

सौर कृषि आजीविका योजना: सरलता और सहारा

सौर कृषि आजीविका योजना के अंतर्गत, किसानों को सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए पंजीकरण शुल्क के रूप में 1180 रुपए और साथ ही सौर ऊर्जा संयंत्र के विकासकर्ताओं (Developers) को भी 5900 रुपए का पंजीकरण शुल्क देना होगा। दोनों पक्षों की ओर से फीस और आवश्यक दस्तावेज जमा होने पर, डिस्कॉम आवेदन की जांच करके भूमि की पुष्टि करेगा। इस प्रक्रिया के बाद, किसानों और डेवलपर्स को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक विशेष हेल्प डेस्क डिस्कॉम स्तर पर बनाया जाएगा।

इस हेल्प डेस्क का उद्देश्य किसानों और डेवलपर्स को तत्परता से सहायता प्रदान करना है, साथ ही उनके सभी संबंधित प्रश्नों का समाधान करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और सभी प्रबंधन स्तरों पर इसका प्रभावी समाधान हो रहा है। सरकार इस स्कीम के माध्यम से स्थानीय समुदायों को साकारात्मकता और सामाजिक आर्थिक सुधार की दिशा में प्रेरित कर रही है।

पीएम कुसुम योजना: सौर कृषि आजीविका की कल्पना

सौर कृषि आजीविका योजना के माध्यम से, पीएम कुसुम योजना द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए डेवलपर को कुल लागत का 30% अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस कदम से न केवल ऊर्जा स्वावलंबन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह किसानों को अधिक आय प्राप्त करने में भी सहायक होगा। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल की है कि जमीन के मालिक, किसान विकासकर्ता, और संबंधित डिस्कॉम या कंपनी सभी जोखिम से सुरक्षित हैं।

इस योजना के माध्यम से ट्रिपक्षीय कॉन्ट्रैक्ट के साथ, सौर ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि होगी, प्रदूषण का स्तर कम होगा, और किसानों की आय दोगुनी होगी। यह स्थानीय समुदायों के विकास में भी सहायक होगा, साथ ही साफ ऊर्जा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देगा।

सौर कृषि आजीविका योजना: सफलता का नया सफर

इस योजना के शुभारंभ के बाद, हमारे किसानों और विकासकर्ताओं ने इसे बहुत उत्साहपूर्ण रूप से स्वीकारा है। अब तक, 34621 से अधिक लोगों ने हमारे पोर्टल में यात्रा की है, जिनमें से 7217 किसानों ने सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। इसी साथ, सौर ऊर्जा संयंत्रों के विकासकर्ताओं ने भी लगभग 753 दर्शनीयता बनाई है।

अब तक, 14 किसानों और 14 विकासकर्ताओं ने पोर्टल पर निर्धारित फीस जमा करवाई है। समीक्षा बैठक में आया गया है कि अलवर और जयपुर जिले के किसानों ने इस योजना में उच्च स्तर का उत्साह दिखाया है। अलवर जिले में तीन और जयपुर जिले में सात किसानों ने निर्धारित फीस के साथ अपनी भूमि का पंजीकरण करवाया है और अपने जमीन के डॉक्यूमेंट्स भी सफलता से पोर्टल पर अपलोड कर दिए हैं। इन जीएसएस के लिए डिस्कॉम अधिकारियों द्वारा भूमि के सत्यापन के पश्चात जल्द ही टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।

सौर कृषि आजीविका योजना: सरलता से जुड़ने का मौका

  • सौर कृषि आजीविका योजना से जुड़ने के लिए किसानों और डेवलपर्स को ऑफिशियल वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना अत्यंत आवश्यक है।
  • इस योजना से जुड़ने का मौका भूमि मालिकों, किसानों, किसान समूहों, पंजीकृत सहकारी समितियों, संगठनों, और संघ संस्थानों को भी है।
  • राज्य के किसी भी किसान या भूमि मालिक को कम से कम 1 हेक्टेयर की ज़मीन को लीज/किराए पर देने के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है।
  • पंजीकृत बंजर और अनुपयोगी ज़मीन का दूरी सभी स्टेशनों से 5 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए।
  • इस योजना के निर्देशों के अनुसार, ज़मीन के मालिकों या किसानों को उचित मुख्तारनामा करवाना होगा, क्योंकि पंजीकरण के लिए पोर्टल पर मुख्तारनामा अपलोड करना अनिवार्य है।
  • आवेदकों को ऑनलाइन नॉन-रिफंडेबल पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा।

सौर कृषि आजीविका योजना की विशेषताएं

  • राजस्थान में सौर कृषि आजीविका योजना:
    • 17 अक्टूबर 2022 को ऊर्जा मंत्री भवन सिंह भाटी द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करना है।
  • किसानों को बिजली का लाभ:
    • सौर कृषि आजीविका योजना के माध्यम से किसानों को दिन के समय भी बिजली की पहुंच मिलेगी, जो उनकी आजीविका में सुधार करेगी।
  • बंजर/अनुपयोगी भूमि का लाभ:
    • किसानों को बंजर या अनुपयोगी भूमि के लिए लीज के रूप में देने से अतिरिक्त आय होगी, जो उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
  • विकासकर्ता का सहारा:
    • राज्य भर में विकासकर्ता किसानों और भूमि मालिकों के संपर्क विवरण के साथ उपलब्ध भूमि तक पहुंचेंगे, जो उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
  • बिजली खरीद लागत में कमी:
    • सस्ती और ऊर्जा की उपलब्धता से बिजली खरीद लागत में कमी आने के साथ ही, वितरण और व्यवसायिक हानियों में भी कमी होगी।
  • पीएम कुसुम योजना से संबंधित लाभ:
    • पीएम कुसुम योजना के घटक ए से वितरित सौर पावर प्लांट बिजली संयंत्रों की स्थापना स्थान पर कोई बाध्यता नहीं होगी, जिससे इसका इस्तेमाल बढ़ाए जा सकेगा।
  • बिजली उत्पादन और उपभोक्ता के नजदीक:
    • बिजली उत्पादन और खपत दोनों उपभोक्ता के नजदीक होने से विद्युत वितरण और वितरण हानि में भी कमी आएगी।
  • किसानों को सिंचाई के लिए अवसर:
    • किसानों को सिंचाई के लिए बिजली के साथ ही पैसा कमाने का अवसर भी मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा।

Saur Krishi Aajeevika Yojana के लिए पात्रता

  • सौर कृषि आजीविका योजना से जुड़ने के लिए आवेदक को राजस्थान में स्थाई निवास होना चाहिए।
  • इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए, राज्य के किसी भी किसान या भूमि मालिक पात्र हो सकते हैं।
  • सौर ऊर्जा संयंत्र के विकासकर्ता भी सौर कृषि आजीविका योजना के लिए योग्य होंगे, जो इस परियोजना की सफलता के लिए योजना बना सकते हैं।
  • उन नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास बंजर जमीन है, वे ही इस योजना के लिए पात्र हो सकते हैं।

Leave a Comment